मध्य -हिमालय के संस्कृत अभिलेखो में गढ़वाली भाषा का स्वरुप

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मध्य हिमालय के संस्कृत अभिलेखों में गढ़वाली भाषा का स्वरूप। डॉ. शक्ति  प्रसाद सेमल्टी की यह पुस्तक उनका शोध प्रबंध है जो संस्कृत अभिलेखों में उपलब्ध गढ़वाली भाषा का विवेचन करता है। प्राप्त अभिलेखों में संस्कृत, गढ़वाली, हिन्दी के रूपों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। पुस्तक में ध्वनी विज्ञान, रूप विज्ञान, वाक्य विज्ञान, अर्थ विज्ञान, शब्द विज्ञान के दृष्टिकोण से भाषाशास्त्रीय अध्ययन किया गया है। पुस्तक में विभिन्न लिपियों में प्राप्त संस्कृत अभिलेख जो जनपद पौड़ी,, रुद्रप्रयाग चमोली, देहरादून, उत्तरकाशी व टिहरी में प्राप्त हुए हैं, का विस्तृत अध्ययन किया गया है। इनमें पाण्डुकेश्वर, कालीमठ, गोपेश्वर, पलेठी, लाखामंडल, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग व देवप्रयाग के प्रसिद्ध शिलालेख भी शामिल हैं। यह पुस्तक संस्कृत साहित्य के प्रेमियों व गढ़वाल इतिहास के अध्येताओं के लिए उपयोगी है।

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